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JANJGIR. छत्तीसगढ़ के जांजगीर में बलौदा ब्लॉक के टूरिस्ट प्लेस देवरी में हसदेव नदी में 3 दिन पहले बहे 2 बच्चों में से दूसरे की लाश 22 दिसंबर (गुरुवार) को बरामद कर ली गई। वहीं एक और बच्चे का शव बीते दिन बुधवार की शाम को मिल चुका था। इधर, कलेक्टर ने दोनों की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया था। हालांकि उनकी जरूरत नहीं पड़ी।
पिकनिक मनाने के लिए गए थे बच्चे
दोनों बच्चे दिव्यांश कटकवार और प्रांजल देवांगन 20 दिसंबर मंगलवार को अपने साथियों के साथ हसदेव नदी के तट पर बने पर्यटन स्थल देवरी घूमने और पिकनिक मनाने के लिए आए थे। नहाते समय एक बच्चा गहराई में चला गया तो दूसरा उसे बचाने के लिए उतरा, लेकिन दोनों ही गहराई में चले गए। इसके बाद उसके साथियों ने आस-पास के ग्रामीणों को बताया। साथ ही पुलिस को भी सूचना दी गई। इस बीच नगर सेना के गोताखोरों की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई थी। उन्हें मत्स्य विभाग की ओर से एक बड़ा जाल भी दिया गया था।
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दिव्यांश के शव को किया बरामद
वहीं घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए कलेक्टर ने एनडीआरएफ की टीम को भी बुलवा लिया था। बुधवार की रात यह टीम पहुंच चुकी थी। जबकि उससे पहले ही प्रांजल का शव शाम को मिल चुका था। सुबह एनडीआरएफ की टीम भी दिव्यांश की तलाश शुरू करता। दरअसल, इन्हें बुलाने का मुख्य कारण ये था कि देवरी में हसदेव नदी का तल चट्टान वाले और कई जगहों पर गुफानुमा है। इसलिए स्थानीय रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन, एनडीआरएफ की टीम के गुरुवार सुबह काम शुरू करने से पहले ही स्थानीय गोताखोरों ने फिर कोशिश की और सुबह करीब सात बजे दिव्यांश के शव को बरामद कर लिया।
पैर फंसने की आशंका, पहले भी हो चुकी घटना
नदी के तल के गुफानुमा और चट्टान होने के कारण यहां तैरना खतरे से खाली नहीं रहता। माना जा रहा है कि दोनों की मौत पैर फंसने से ही पानी में दम घुटने से हुई होगी। जबकि इससे पहले भी इस तरह की घटना यहां सामने आ चुकी है। तब कोरबा के एक छात्र की मौत हो गई थी।
प्रशासन और पुलिस की टीम करती रही व्यवस्था
स्थानीय प्रशासन तहसीलदार के साथ घटनास्थल पर रेस्क्यू में मदद कर रहा था। एसपी विजय अग्रवाल समेत पुलिस अफसर भी मौके पर पहुंचे थे और टीम को जरूरी निर्देश दिए थे। वहीं कोरबा के अधिकारियों से बात कर दर्री डेम से पानी नहीं छोड़ने की भी बात भी कही गई थी।